गांबिया में कफ़ सिरप पीकर 66 बच्चों की मौत के मामले में हरियाणा सरकार ने बड़ी कारवाई की है और Maiden कंपनी को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें पूछा गया है कि क्यों न आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए. कंपनी के प्लांट में अनियमितताएं और खामियां पाई गई थी. जिसके बाद हरियाणा खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की ओर ये नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी को सात दिन दिए गए हैं. यानी 14 अक्टूबर तक हरियाणा FDA को जवाब देना होगा.
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बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित ‘दूषित’ और ‘कम गुणवत्ता’ वाले चार कफ सिरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं. चार उत्पाद प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं.
डीसीजीआई ने इस संबंध में जांच शुरू की और डब्ल्यूएचओ से विस्तृत ब्योरा मांगा. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कंपनी द्वारा निर्मित चार तरह के कफ सिरप के नमूनों को जांच के लिए कोलकाता स्थिति केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) भेजा था. वहीं इस मामले पर कंपनी की ओर से कहा था कि पहले मीडिया और विश्व स्वास्थ्य संगठन के जरिए बच्चों की मौत की खबर सुनकर स्तब्ध हैं. तीन दशक से मेडिकल क्षेत्र में काम कर रहे हैं और ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया और हरियाणा सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर के प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाता है.
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