मुंबई:
एटीएस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत महाराष्ट्र के जालना से एक आरोपी शेख उमर शेख हबीब को गिरफ्तार किया है. जिसकी उम्र 30 साल है. गिरफ्तार आरोपी को औरंगाबाद एनआईए स्पेशल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के सामने मंगलवार को पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 15 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
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महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने 22 सितंबर 2022 को गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज किया था. इसके बाद महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी. पीएफआई के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई में उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में छापे मारे गए थे. देशव्यापी इस छापेमारी में पीएफआई के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था.
पीएफआई पर कानपुर हिंसा, आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के कई आरोप लगते रहते हैं. दिल्ली में सीएए आंदोलन से लेकर मुजफ्फरनगर, शामली और मध्य प्रदेश के खरगौन में हुई सांप्रदायिक हिंसा में पीएफआई से तार जुड़े होने का दावा किया जा रहा है.
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की शुरुआत साल 2006 में केरल में हुई थी. 2006 में तीन मुस्लिम संगठनों के विलय के बाद पीएफआई अस्तित्व में आया. तीनों संगठनों में राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी थे. 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद दक्षिण में इस तरह के कई संगठन सामने आए थे. उनमें से कुछ संगठनों को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया. तब से ही यह संगठन देशभर में कार्यक्रम आयोजित करवाता है.
अपने 16 साल के इतिहास में पीएफआई दावा करता है कि उसकी देश के 23 राज्यों में इकाईयां हैं. संगठन देश में मुसलमानों और दलितों के लिए काम करता है. यह संगठन मध्य पूर्व के देशों से आर्थिक मदद भी मांगता है, जिससे उसे अच्छी-खासी फंडिंग मिलती है. पीएफआई का मुख्यालय कोझीकोड में था, लेकिन लगातार विस्तार के कारण इसका सेंट्रल ऑफिस राजधानी दिल्ली में खोला गया है.