नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया 38 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 82.68 पर पहुंच गया है. रुपये लगातार गिरावट का दौर जारी है.डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत की बड़ी वजह कच्चे तेल की कीमतों मेंं आई तेजी, यूएस ट्रेजरी यील्ड (भारत में बॉन्ड कहते हैं) में इजाफा, कम होता फॉरेक्स रिजर्व है. सात अक्टूबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 16 पैसे टूटकर 82.33 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया था.
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लगातार कमजोर होते रुपये से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है, जिसका असर भारतीय की जनता पर पड़ता है. दरअसरल रुपया कमजोर होने से देश में महंगाई बढ़ जाएगी. आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी से ज्यादा पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है. भारत का आयात डॉलर में होता है. इललिए यहां पर हमें ज्यादा पैसा देने पड़ेगा. देश में पेट्रोलिय जब महंगा होता हो तो चीजों के दाम 10 से 15 फीसदी तक बढ़ जाते हैं. मालाभाड़ा जोड़कर यह दामों में बढ़ोत्तरी होती है.