“2017 में भी आपने…” IRCTC घोटाला मामले के फिर से तूल पकड़ने पर JDU ने अमित शाह को घेरा

जांच एजेंसी की अर्जी पर यादव को नोटिस जारी कर 28 सितंबर तक उनका जवाब मांगा है. (फाइल फोटो)

पटना:

आईआरसीटीसी घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर सीबीआई ने दिल्ली की एक कोर्ट का रुख किया है. इधर, सत्तापलट के बाद फिर एक बार मामले को तूल पकड़ता देख आरजेडी और उनकी सहयोगी जेडीयू ने बीजेपी पर निशाना साधा है. पार्टियों ने बीजेपी पर विपक्ष को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयो करने का आरोप लगाया है. 

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शनिवार को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ” अमित शाह पूर्णिया की रैली में बोले कि नीतीश कुमार ने उनके साथ विश्वासघात किया. ये बिल्कुल गलत है. ये सफेद झूठ है. नीतीश कुमार ने आपके साथ धोखा नहीं किया, बल्कि आपने उनके खिलाफ षड्यंत्र किया और उन्हें धोखा दिया.” 

उन्होंने कहा,” सारे षड्यंत्र के सूत्रधार आप थे. आपके देखरेख में पूरी प्लानिंग हुई. 2017 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे, तो आपने उन्हें महागठबंधन से अलग करने के लिए आईआरसीटीसी घोटाला का मामला उछाला.  नीतीश कुमार अगल हो गए, भूल हुई. वो आपके षड्यंत्र में फंस गए. लेकिन 2017 से 22 तक आईआरसीटीसी मामले में क्या हुआ. कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि कुछ था ही नहीं.”

ललन सिंह ने कहा, ” अब 2022 में महागठबंधन दोबारा बन गया तो आपने सीबीआई की ओर से अर्जी डलवाई कि तेजस्वी यादव की जमानत रद्द की जाए. ऐसा करके क्यों सीबीआई की विश्वसनीयता खत्म करना चाहते हैं? क्यों सीबीआई को पालतू तोता बनाकर रखना चाहते हैं? आप लोगों के कारनामों के कारण सीबीआई की विश्वसनीयता खत्म हो गई है.”

जेडीयू अध्यक्ष ने कहा, ” 2020 में नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए आपने षड्यंत्र किया. एक क्षेत्रिय पार्टी को खड़ा किया. बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उस क्षेत्रिय दल के साथ लगा दिया. बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उस पार्टी के उम्मीदवार बने. सबके पीछे एक ही षड्यंत्र था और वो ये कि नीतीश कुमार की ताकत को कम करना है. लेकिन आपके षड्यंत्र से नीतीश कुमार की ताकत घटने वाली नहीं है. 2024 और 2025 दोनों चुनाव में पता चल जाएगा कि बिहार में आप कहां स्टैंड करते हैं. जुमलेबाजी करना बंद करिए. बिहार के लोग अब आपके जुमलों पर विश्वास नहीं करते हैं.”

गौरतलब है कि सीबीआई ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया. विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जांच एजेंसी की अर्जी पर यादव को नोटिस जारी कर 28 सितंबर तक उनका जवाब मांगा है.  

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